Sunday, September 5, 2010

अगर आप ‘वन्दे ईश्वरम‘ पढ़ने के ख्वाहिशमंद हैं तो ...

‘वन्दे ईश्वरम‘ का नाम तो आपने सुना ही होगा और हो सकता है कि आपने उसे देखा भी हो। धर्म के आधार पर फैली ग़लतफ़हमियों को मिटा कर आपसी सद्भाव बढ़ाने के मक़सद से इसका प्रकाशन किया जा रहा है। इसका नया अंक छपकर प्रेस से आ गया है। जो लोग इसे पढ़ने के मुतमन्नी हों वे लोग अपने पोस्टल एड्रेस मेरे ब्लॉग पर लिखने की मेहरबानी करें ताकि पत्रिका उन्हें भेजी जा सके।

धन्यवाद

-----------------------------------------------------------------


चन्द लाइनें भाई साहब डा. अनवर जमाल के नाम

आपकी तहरीर अच्छी लगी, पिछले काफ़ी दिनों रमज़ान और पत्रिका की तैयारी की वजह से नेट पर किसी ब्लाग पर कमेंट न कर सका। आप अच्छा लिखते हैं लेकिन कभी-कभी उकसाने वालों के फेर में पड़कर भड़क जाते हैं। अपनी बात कहना अच्छा है लेकिन भड़क उठना बात के वज़न को कम कर देता है। आपका आज का लेख पसंद आया। अल्लाह आपको कामयाबी दे। आमीन पत्रिका में इस बार तक़रीबन सभी लेख ब्लॉग्स से लिये गये हैं और आपकी बेटी अनम को मरकज़ में रखते हुए पूरा अंक ‘भ्रूण रक्षा विशेषांक‘ ही निकाला गया है।